जालिम कोरोना
जालिम कोरोना
सैर सपाटे बन्द हुए सब
जा रे जालिम कोरोना।
डिस्को क्लब सूने मदिरालय
रोजी-रोटी का रोना।।
किसे दिखाऊँ मेकअप करके
जब घर में ही कैद हुए।
उतर गया सब रूप हमारा
लीगल भी सब अवैध हुए।।
रेल ,हवाई जहाज बन्द हैं
सब के चक्के जाम हुए।
ठहर गई है यहाँ जिंदगी
ना ही कोई काम हुए।।
कितनी मोटी तोंद हुई थी
लेकिन अब चर्बी छंटती।
ठप्प पड़े शोरूम हैं सारे
लेकिन अब विपदा बढ़ती।।
रूखी सूखी खा लेते थे
कर लेते थे दिनभर काम।
रोजगार सब बन्द हो गए
मंदे पड़ गये सारे काम।।
