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Hancy Dhyani

Romance

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Hancy Dhyani

Romance

असमंजस प्रीत

असमंजस प्रीत

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चैन गंवाया,नींद गंवाई,आंखों ने आंसू बस पाये!

तुम से नैन लगा कर हमने,जाने क्या कुछ पाया हाये!

रात रात भर करवट बदलें, नींद नहीं आंखों में आये।

जगत,विरस लगता है तुझ बिन ,मुझ को कुछ भी यहां न भाये।

हर पल बात करूं मैं तुझ से,जब कि कोसों दूर हो तुम।

गोरी हो या श्यामल हो तुम,मेरी मन की हूर हो तुम।

जितनी बार झगड़ता तुम से,और करीब तुम आ जाती हो।

करूँ भुलाने की कोशिश जो,दिलो-दिमाग में छा जाती हो।

मैं तो हर पल याद करूँ तुम जाने कैसी साथी हो!

नहीं लिखा कुछ ,फिर भी पढ़ता, जाने तुम कैसी पाती हो।

नहीं जो मिलना, ना मिल साथी इतना क्यों तरसाती हो।

इतनी जो दूरी रखती हो,फिर सपनो में तुम क्यों आती हो।


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