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Mrs. Mangla Borkar

Abstract

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Mrs. Mangla Borkar

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वह लड़की

वह लड़की

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 वह लड़की डरती रही

डरती रही लड़की से औरत बनने तक

डरती रही और वे डराते रहे

शादी से पहले मां-बाप डराते जैसे..

ज्यादा बोली तो शादी की धमकी

आखिर वह धमकी सच में बदल जाती

औरत बनने की शुरुआत होती

वे डरावनी बातें रास्ते मोड़ बदल कर फिर से...


पिता का चुना हुआ संस्कारी परिवार

संस्कारी परिवार में सांस -ससुर की

डरावनी बातों से फिर से डरती रही

पिता के द्वारा चुने हुए पति को अपना माना

पर डरावनी बातें उनकी सबसे भारी थी

अब पांच साल बाद तुम्हें छोड़ दूंगा

तुम्हें अपने हवाले छोड़ कर

क्या वह लड़की कितने दिन डरती रहेगी

किन-किन का डर उसे जहरीले नाग की तरह

डंक मारता रहेगा?


मां-बाप, भाई, पति, सास-ससुर, पुत्र, समाज सबका?

क्यों...... वह डरती रहेगी वह डराते रहेंगे

मैंने उसे कह दिया दुनिया डरावनी है

डर गई तो मर गई

डर मत दिखा दे तेरा अस्तित्व, तेरी शक्ति

लड़की से औरत तक डरती आई

अब असली वजूद दिखा

डर के आगे जीत है किसी ने कहा

तो चल दौड़ अपनी रेस में ना अब झुक ना रूक

डर मत, और ना डरा अपनी जगह बना.... ।


   


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