* प्रेम गीत *
* प्रेम गीत *
यूं जिन्दगी के ख्वाब दिखा गया कोई,
मुस्कुरा के अपना बना गया कोई,
बहतीं हुई हवाओं को यूं थाम ले गया कोई,
सावन में आ के कोयल का गीत सुना गया कोई,
यूं अपने प्यार की हवा से ग़म को मिटा गया कोई,
मीठे सपनों में आपके अपना बना गया कोई,
धूल लगी किताब के पन्ने पलट गया कोई
उस में सूखे हुए गुलाब की याद दिला गया कोई
यूं जिन्दगी में फिर से प्यार की बरसात दे गया कोई
बिन आहट की इस दिल में जगह बना गया कोई
यूं फिर से मुझे जीने का मक़सद सिखा गया कोई
बिना आहत अपना बना गया कोई।

