मेरा हिन्दुस्तान
मेरा हिन्दुस्तान
जहाँ हर चीज है प्यारी, सभी हैं चाहत के पुजारी
प्यारी जिसकी हर सुबह, वही है मेरा हिन्दुस्तान
जहा ग़ालिब की ग़ज़ल है, वो प्यारा ताज महल है
प्यार का एक निशा वही है मेरा हिन्दुस्तान
जहाँ फूलों का बिस्तर है, जहा अम्बर की चादर है
सुहाना हर इक मजर है, वही है मेरा हिन्दुस्तान
वो झरने और हवाए, सभी मिल जुल कर गाये
प्यार का गीत जहा, वही है मेरा हिन्दुस्तान
जहां कभी होली तो दिवाली है, वो बिदिया चुनरी पायल
वो साडी मेहदी काजल, वही है मेरा हिन्दुस्तान
कही पे नदिया बलखाए, कही पे पंछी इतराये
बसती झूले लहराए, जहां अन्गिन्त है भाषाए
सुबह जैसे ही चमकी, बजी मंदिर मे घटी
और मस्जिद मे अजां, वही है मेरा हिन्दुस्तान
लो फिर स्वतंत्र दिवस आया, तिरंगा सबने लहराया
लेकर फिरे यहा-वहां, वही है मेरा हिन्दुस्तान।