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Preetam Singh

Tragedy

3.5  

Preetam Singh

Tragedy

दर्द बेरोजगारी का

दर्द बेरोजगारी का

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कश्मीर फाइल का दर्द तो दिखा दिया,

लेकिन इस बेरोजगारी का दर्द दिखाओगे कैसे।

ज़ुल्म पंडितों पर तो दिखा दिया तुमने,

लेकिन जुल्म बेरोजगारी का दिखाओगे कैसे।

सिनेमा घरों का टैक्स तो सरकार ने हटा दिया,

लेकिन बेरोजगारी का टैक्स हटाओगे कैसे।

तीस सालों का दुख तो एक फिल्म में दिखाया है,

तीन सौ सालों की बेरोजगारी दिखाओगे कैसे।

वोट देकर जनता ने सरकार तो बना दी है,

अब बेरोजगार को रोजगार में बदलेंगे कैसे।

दुख तो बहुत है सरकार को बेरोजगारों का,

लेकिन इस बेरोजगारी से जीत दिलाएंगे कैसे।

  



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