Love language
Love language
सुना है मैने की होती है भाषा प्यार की।
आती नहीं है नजर हर किसी को,
केसे बता पाऊंगा मैं उसको,
ये है मुक्कमल आशिकी यार की।।
दर्द मिलता है इसमें प्यार करने वाले को।
फिर ना छूटे ये रंग आशिकी का,
मेहनत लगती है इसे निभाने में,
करके दुआ मिलाती है ये बिछड़ों को।।
करता मदद इसमें रब जरूर है।
भाषा यदि समझे करने वाला इसे,
यही है जिंदगी की सच्चाई ,
मोहब्बत करने वाले का यही गुरूर है।।

