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Preetam Singh

Romance

4  

Preetam Singh

Romance

Love language

Love language

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सुना है मैने की होती है भाषा प्यार की।

आती नहीं है नजर हर किसी को,

केसे बता पाऊंगा मैं उसको,

ये है मुक्कमल आशिकी यार की।।

दर्द मिलता है इसमें प्यार करने वाले को।

फिर ना छूटे ये रंग आशिकी का,

मेहनत लगती है इसे निभाने में,

करके दुआ मिलाती है ये बिछड़ों को।।

करता मदद इसमें रब जरूर है।

भाषा यदि समझे करने वाला इसे,

यही है जिंदगी की सच्चाई ,

मोहब्बत करने वाले का यही गुरूर है।।


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