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Preetam Singh

Inspirational

4.0  

Preetam Singh

Inspirational

मातृ प्रेम ( मन की बात)

मातृ प्रेम ( मन की बात)

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अलविदा मां नहीं मिलने आ सका उस समय,

थी जरूरत सबसे ज्यादा तुम्हे हमारी।

तुम्हारे पास नहीं आ सका मैं,

क्यूंकि मैं देश सेवा में समर्पित था।

तुम्हारी तकलीफ नहीं देख पाया मैं,

क्यूंकि देश को संभाल रहा था मैं।

ए मेरे देशवासियों देखो आज फिर जीत गया,

मातृ भूमि प्रेम मातृ प्रेम के सामने।

गर्व है मुझे देश मेरी मां है,और ,

गर्व है मुझे कि तू मेरी मां हो।

देश बचाने की कोशिश में तुम्हे न बचा सका,

आज फिर देश प्रेम सबसे ऊंचा रह गया ।

हीरा (देश) बचाने के चक्कर में,

हीरा (मां) को खो दिया जिसने ।।

ऐसे देशभक्त को शत शत नमन है।

जिस मां ने सौ साल संभाला था मुझे,

क्या उस मातृ भूमि को भी सौ साल संभालूंगा ।

देना इतनी शक्ति मुझे ए मेरी माता ,

ना विश्वास कभी कम हो देशवासियों का मुझपे कभी।

लेता हूं अब तुम से विदा देश प्रेम को रख के दिल में,

ओम शांति ओम शांति ओम शांति।

                      


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