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Preetam Singh

Tragedy

4.3  

Preetam Singh

Tragedy

ये कैसी नवरात्रि आयी है

ये कैसी नवरात्रि आयी है

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ये कैसी नवरात्रि आई है

सोच रहे हो कह रहा हूं मैं क्या,

कहोगे तुम भी जब सुनोगे तुम भी।

न्याय न मिला बेटी को तुम्हारी,

गई वो चली दे के आंसू परिवार को।

ये कैसी नवरात्रि आयी है।।

बेटी दिवस भी तो आज ही था।

तो क्यूं ना किया न्याय उसके साथ,

बेटी हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं।

ये कैसी नवरात्रि आयी है।।

मन आज व्यथित बहुत है,

तू हारी नहीं तू जीत गई।

ना टेके तूने सामने उनके घुटने अपने,

किया है डटकर तूने मुकाबला।

तू हिम्मत है सबकी रानी लक्ष्मी बाई है,

बहन हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं।

ये कैसी नवरात्रि आयी है।।

तू गुरूर है अपने पापा की।

बेटी है अपने उत्तराखंड की,

तूने किया है अपना कर्म है।

बाकी बारी हमारी है,

अंकिता हम शर्मिंदा हैं तेरे कातिल जिंदा हैं।

ये कैसी नवरात्रि आयी है।।

                        


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