STORYMIRROR

Preetam Singh

Romance Tragedy

4  

Preetam Singh

Romance Tragedy

ख्वाहिश यादों की

ख्वाहिश यादों की

1 min
265

भूला नहीं हूं आपको अभी ,

बातें सारी याद है मुझको,

गए हो जो ऐसे हालात में हमें छोड़कर,

रोया तो हूं मगर दिखाया नहीं कभी ।

प्रत्येक साल आयी है परेशानी है इतनी,

इस दिल को अब आदत सी हो गई है गम की,

आप हमेशा याद रहोगे तस्वीर के रूप में ,

एक सुंदर सा हार मंगाया है तस्वीर के लिए,

आंखो में आ जाते हैं आंसू मगर गिरने ना दिया कभी।

हालात भी ऐसी है की जेब खाली खाली सा है,

हिम्मत अभी भी उतनी ही है हारा नहीं हूं कभी 

दूसरों से बातें करना बंद कर दिया है मैने ,

बातें करूंगा तो दर्द छलक जाएगा ना,

दर्द भी बहुत है इस शरीर के एक कोने में,

बस कभी अहसास नहीं होने दिया कभी।

                    


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance