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Nishi Bhatt

Tragedy

4.5  

Nishi Bhatt

Tragedy

एक मजाक

एक मजाक

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     जिसे वो रब का इशारा समझ रही थी 

             वो तो एक मजाक निकला। 

   जिसके लिए वो अपना सब कुछ जाया करने जा रही थी 

             वो तो एक मजाक निकला। 

   जिसके लिए वो अपनी वफ़ा निभा रही थी

             वो तो एक मजाक निकला। 

   जिसकी परेशानी को वो अपने सर ले रही थी 

             वो तो एक मजाक निकला। 

   जिसकी खुशियों के लिए वो मन्नत के धागे बाँधे जा रही थी 

               वो तो एक मजाक निकला। 

   जिसकी तकलीफ सोच कर उसे तकलीफ हो रही थी 

              वो तो एक मजाक निकला। 

   जिसके पीछे वो अपना वक्त जाया करे जा रही थी 

                वो तो एक मजाक निकला। 

   जिसे वो रब मान बैठी थी 

                 वो तो एक मजाक निकला। 

   जिसके हर सुख दुःख में वो साथ निभा रही थी 

                वो तो एक मजाक निकला। 

   जिसपर वो आँख मूंद कर भरोसा कर रही थी 

               वो तो एक मजाक निकला। 

   जिसे वो अपना सच्चा प्यार समझ बैठी थी ,

             वो तो एक मजाक निकला। 

  जिसे वो अपना सब कुछ मान बैठी थी 

             वो तो एक मजाक निकला। 


     


     


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