STORYMIRROR

Nishi Bhatt

Children Stories Tragedy Action

4.8  

Nishi Bhatt

Children Stories Tragedy Action

"नव वर्ष का संदेश: गरीबी से मुक्ति"

"नव वर्ष का संदेश: गरीबी से मुक्ति"

1 min
437

 गरीबी की सर्द हवाओं में , कांपते हैं ये बच्चे ,

   इनकी आँखों में सुलगते हैं लाखों करोड़ों ख्वाब। 

  ख़ाली पेट,थके हुए बदन ,दिल में एक आस ,

   कोई तो आये , इनका भी हो एक सुखी ख्वाब जैसे पास। 

 घर -घर की गली में एक छोटी सी आवाज़

   यहाँ भी किसी को चाहिए एक रोटी की ताज। 

 अच्छा क्या , इनकी नन्ही सी मुस्कान में छिपा है दर्द ,

  जब ये हँसते हैं, तो दिल में होते हैं अनेकों फ़र्ज़। 

एक रोटी की चाहत आंसुओं में बह जाती ,

  पानी की तृष्णा में ,नदियां ये लहराती। 

छोटे छोटे हाथों में झोलियाँ लटकी होती हैं ,

 कभी एक रोटी की उम्मीद से इनकी आंखें पिघलती हैं। 

सपने हैं इनके भी कुछ बड़ा करने की चाह,

  पर भूख और गरीबी ने इनकी राहें  बनाई हैं कठिन। 

इनकी आँखों में जो चमक है वो नहीं मिटती,

  इनकी उम्मीदें कभी ख़त्म नहीं होती। 

इनके सपनों की ऊंचाई, हमारी ज़िम्मेदारी है ,

 इनकी खुशियां हमारे प्रयासों की  कुंजी है। 

हम सब मिलकर इनकी दुनिया को संवारें ,

 इनकी ख़ुशी में रंग भरें , इनके जीवन को उजियारे  । 

इनकी ख़ुशी हमारी ज़िम्मेदारी बन जाये ,

 हमारा ये फ़र्ज़ है , ये भूख और गरीबी से मुक्त हो जाएं। 

आओ साथ मिलकर इस नव वर्ष ,इनकी तकलीफों को दूर करें,

   इनकी हर ख़ुशी में हम अपना संसार बसाएं। 

 

 

 

 


Rate this content
Log in