आजादी
आजादी
मिली है हमको आजादी 1947 में
नहीं तो पहले करते थे अंग्रेजों की गुलामी में
वो जो कहते थे करना पड़ता ना कोई और चारा था
उस समय फिरंगी के आगे यह भारत देश हारा था
तभी आवाज उठाई भारत के कुछ जवानों ने
ली मन में ठान भारत को फिरंगी से छुड़ाने में
कोई हिंसा की राह चला कोई अहिंसा की राह चला
कोई लाठी लेकर लड़ा कोई बंदूक लेकर लड़ा
गुमनाम लोगों ने इस युद्ध में अपनी जान गंवा दी
बस इसी हौसले से कि भारत में आएगा आजादी
कोई चढ़ गया फांसी पर किसी को मार दिया गया गोली
गया खेला इस युद्ध में भयंकर खून की होली
मगर इस होली में शहीदों का खून जाया नहीं गया
और मजबूरन फिरंगी को देश से भागना पड़ा
फिर 1947 में मिली हमको यह आजादी
कभी ना भूल पाएंगे उनको जिन्होंने हमें दिलवाई है आजादी।
