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Manoj Gupta

Children Stories

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Manoj Gupta

Children Stories

स्कूल

स्कूल

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बीते हुए स्कूल के दिन का क्या मजा 

गलतियां और भूल का क्या ही मजा

खेलते मिलकर साथ छांव में वहां पर

हरियाली और धूल का क्या मजा

स्कूल से लौट आने में क्या बात है

साइकिलों को चलाने में क्या बात है

सोचता था जाऊं कभी स्कूल एक दिन

एक दिन स्ल स्कूल न जानेे में क्या है

खेलते मिलकर साथी की क्या बात थी

साथ में पढ़ते रातोंं की क्या बात थी

स्कूल में ही पहुंचते प्रणाम करते थे

गुरुओं के आशीर्वाद की क्या बात थी।


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