हो रहा युद्ध कहीं दूर देश में
हो रहा युद्ध कहीं दूर देश में
हो रहा युद्ध कहीं दूर देश में
चीख-पुकार की गूंज यहाँ तक है।
सबल* कितने निष्ठुर* हैं
उनके ठहाकों की गूंज यहाँ तक है।।
वादा कर रहे थे जो
देंगे साथ आखिरी वक्त तक।
अब वक्त आन पड़ा है तो
उनके खर्राटों की गूंज यहाँ तक है।।
ऐसे में कोई कैसे बिश्वास करे...
सब मतलब के यार जो ठहरे।
टूटी घर के दरवाजे पे
बांहों में स्वजन की लाश* लिए
कौन किस से फरियाद करे...
कौन किस से फरियाद करे।।
हो रहा युद्ध कहीं दूर देश में
चीख-पुकार की गूंज यहाँ तक है।।
सबल* - बलवान
निष्ठुर* - निर्दय, बेरहम
लाश* - Dead body