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Amresh Kumar Akela

Abstract

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Amresh Kumar Akela

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सच्चा साथी कौन

सच्चा साथी कौन

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"खुशी" पूछती है मुझसे 

तू क्यों डरता है मुझसे, 

मैं हूं तो जिंदगी है, 

सारा जहाँ है मुझसे। 


मैंने भी कह दिया

लोग ढूंढते होंगें तुम्हें, 

पर मुझे कोई

आरजू नहीं तुम्हारी। 


मेरी यारी है

तुम्हारे गैर ("दुख") से, 

जिसके न होने से

तुम्हारी कोई कहानी नहीं। 


क्यों छोड़ूं मैं "दुख" का साथ, 

वो मेरा हमदम है। 

तुम दो पल के साथी, 

वो मेरे हर पल हमसफर है।


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