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Amresh Kumar Akela

Others

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Amresh Kumar Akela

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खाक होने की आरजू

खाक होने की आरजू

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मत पूछो मुझसे मुहब्बत के अफ़साने,

मेरे एहसास अभी अधूरे हैं।


जलता हूँ हर वक्त इश्क की तपन में,

मेरे अरमान अभी अधूरे हैं।


शमा सा पिघलता रहूँ ख़्वाहिश है मेरी,

खाक होने की आरजू अभी अधूरे हैं।


खुशी के गीत गाता मैं भी मगर...

मुझपे वक्त के एहसान अभी अधूरे हैं।। 

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धन्यवाद 😊


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