बेरोजगारी
बेरोजगारी
पढ़े-लिखे है युवा इस देश के,
बेरोजगारी है भरी, रोजगार कहाँ !
अब पढ़ाई बस काम की रह गई,
नौकरी का ना अब अधिकार यहाँ !
डिग्री की मोटी पोथी बना ली हमने,
फिर भी ना मिलता सही रोजगार यहाँ !
कहने को तो देश लोकतंत्र है,
पर लगता है देश परतंत्र यहाँ !
चुनिंदा पूंजीपतियों के हाथ में,
देश का सारा बागडोर यहाँ !
उच्च शिक्षा ले कर भी हम,
ना कर सके अशिक्षित वर्ग से हम भेद यहाँ !
कुछ यूँ विडम्बना है इस देश की,
और इसी विडम्बना में पीसता मध्यवर्ग यहाँ !
मूर्खों के हाथ सत्ता की ड्योढ़ी ,
शिक्षित वर्ग रोजगार की ताक में खड़ा यहाँ !
पढ़े-लिखे है युवा इस देश के,
बेरोजगारी है भरी, रोजगार कहाँ !