खोल कपाट अंतर के बीती रात पुष्प फुले। खोल कपाट अंतर के बीती रात पुष्प फुले।
नरम रूख अख्तियार नियम ताक पर रख दिए। नरम रूख अख्तियार नियम ताक पर रख दिए।
एक मजदूर मजबूर फिर चल दिया एक मजदूर मजबूर फिर चल दिया
मैं अपने शब्दों से उकेर के लिख दूँ, मैं अपने शब्दों से उकेर के लिख दूँ,
कभी नहीं रखती उन्हें मैं दरवाजे के पास बनी ताक में कभी नहीं रखती उन्हें मैं दरवाजे के पास बनी ताक में
विकास के, विज्ञान के नियमों को ताक पर रख भूख से दो क़दम आगे ही रही विकास के, विज्ञान के नियमों को ताक पर रख भूख से दो क़दम आगे ही रही