सैनिक
सैनिक
तैनात रहते है सीमा पर, अपना सीना ताने
झुक नहीं सकते, ये है देश के दीवाने
गद्दारी हो नहीं सकती है देश के विपक्ष में
हैं कुर्बान जान भी धरती माँ के समक्ष में
क्योंकि इस देश को माँ का दर्जा मिलता हैं
हर फूल इस वतन में उनके चरणों में खिलता है.
कईयों ने दी है कुर्बानीधरती माँ के वास्ते
मिटा दिया था जो भी आया इस देश के रास्ते
क्योंकि यह धरती उनको जान से ज्यादा प्यारी थी
उन्होंने अपनी जान देकर इसकी नजर उतारी थी.
हर दिन सरहदों पर जो जान गवाया करते है
खुद जाग कर वो हमकों सुलाया करते है.
शहीद होकर भी वो अमर हो जाया करते है
ऐसे वीर शहीदों को हम सलाम करते है.
आसान नहीं वो जिन्दगी और प्राण को त्यागना
धरती माँ के चरणों में अपने मस्तक को दे देना
शरीर में पानी नहीं रगों में रवानी होना चाहिए
इन शहीदों की तरह जो जान दे सके
ऐसा हिंदुस्तानी होना चाहिए।