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Dinesh Dubey

Romance Tragedy

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Dinesh Dubey

Romance Tragedy

वह मुझे छोड़कर जा चुकी थी

वह मुझे छोड़कर जा चुकी थी

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जब इजहारे मोहब्बत की सोचा,

वो मुझे छोड़कर जा चुकी थी,

बचपन से साथ था हमारा ,

बिन देखे दिन न गुजरता था,

बिन मिले चैन न पड़ता था ,

आंखो आंखो में सब कुछ था ,

पर जुबां से किसी ने भी न कहा,

खामोशियों से यूं ही चलता रहा ,

पता नही चला कब दिल लग गया ,

ना वह कह सकी न मैं कह सका,

बेचैन दिल ने कहा तू ही पहल करले,

मैने भी जुटाई हिम्मत और चल दिया,

पर उसके घर पर लगा था ताला ,

मैने खुद को बहुत सम्हाला ,

वो मुझे छोड़कर जा चुकी थी,



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