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Meenaz Vasaya. "મૌસમી"

Tragedy Others

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Meenaz Vasaya. "મૌસમી"

Tragedy Others

ऐसा क्यूं होता है???

ऐसा क्यूं होता है???

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हम ने तो खुशियों को पुकारा था.

हम को हमारा पता भी नहीं बताया था.

फिर भी उदासी क्यूं चली आई ?

ऐसा क्यूं होता है?

हम ने खुशियां समझकर जिसे अपने पास बुलाया,

वो तो हम का साया था.

सिर्फ खुशियों का कवच ही था.

उस में तो उदासी लिपटी हुई थी.

ऐसा क्यूं होता है?

जिस को मन मंदिर में मूरत समझ कर स्थापित किया हम ने,

उस मूरत को अपने ही हाथों क्यूं खंडित करना पड़ता है?

ऐसा क्यूं होता है?

वैसे इस जहां में है हमारा अपना कोई,

फिर भी उन से हम अपनापन जाता क्यूं नहीं सकते?

ऐसा क्यों होता है?

वैसे तो सागर हमारे सामने है,

फिर भी एक बूंद पानी के लिए.

क्यूं तरसना पड़ता है?

ऐसा क्यूं होता है?

ऐसा क्यों होता है?



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