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Meenaz Vasaya. "મૌસમી"

Tragedy

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Meenaz Vasaya. "મૌસમી"

Tragedy

"काश मिल जाए मुझको,,,,

"काश मिल जाए मुझको,,,,

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तू आज भी मेरे लिए बहुत खास है,

मुझे तेरे साथ गुजारे लम्हों की तलाश है।

काश मिल जाए मुझको वो किनारा,

जहाँ गिरी थी में, दिया था तूने सहारा।

काश मिल जाए मुझे फिर से वो मंजर,

जहां देखा था मैंने तुझको एक नजर।

काश मिल जाए मुझको वो नजारा,

जहां बैठकर हमने साथ में वक्त गुजारा।

काश मिल जाए मुझे तेरे प्यार की दौलत,

जो है असल में मेरे जीने की ताकत।

काश मिल जाए मुझको फिर से वो पल,

जहां प्यार की बाते की थी हमने दो पल।

काश मिल जाए मुझे प्यार का जहान फिर से,

जिस की उम्मीद में हम बरसो तक तरसे।



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