"धरती पर इश्वरने सोना बिखेरा।"
"धरती पर इश्वरने सोना बिखेरा।"
ओस की नन्ही बूंदों को पंखुड़ियों ने संभाला,
सुबह हुई, सूरज लेकर आ गया उजाला।
भोर की उजली किरण का रंग है सुनहरा,
लगता है जैसे धरती पर ईश्वर ने सोना बिखेरा।
नया सवेरा नई उम्मीद लेकर आया,
सब के दिलों में उसने नया उमंग जगाया।
सब ने अपने अपने लक्ष्य आंखों में समाये,
अपने दिल में कल के सुनहरे सपने सजाये।
चलो हम भी कोई नए तराने गाए,
उदास दिल को हम खुशी देकर बहलाए।
चलो करें हम साथ मिलकर ऐसा कुछ काम,
धरती से भेदभाव मिटा दे हम तमाम।
चलो हरेक पल हमारे साथ है हमारा ईश्वर,
फिर इस दुनिया में हमें किसी का नहीं है डर।
,कब तक सोएंगे , कब तक रोएंगे हम?
चलो सार्थक करे सपने मिलकर हम तुम।