जादु या कोई कहानी है
जादु या कोई कहानी है
में अकेली हूं,
मेरे रास्ते में कोई और नहीं है,
मेरी मंजिल कहां है उसकी फिक्र भी नहीं है,
दुनिया के हजारों ताने सुनने के बाद भी,
मुझमें कोई शिकन नहीं है,
क्योंकी मुझे पता है कि मेरी किस्मत इतनी
भी खुदगर्ज नहीं है,
गुमनाम मंजिल की तलाश में
भटक रहा हूं मैं,
लेकिन मिलेगी मुझे नई राह यह उम्मीद
मेंने नहीं खोई है,
क्योंकी इस मतलबी जहां में भी,
दुख के बाद मेने खुशी की लहर देखी है,
यह खुदा का कोई जादू है
या कोई अनकही सी कहानी है।