यारियाँ
यारियाँ
कीसी को बनानी है अपनी एक ख्वाबों की दुनिया,
तो किसी की आंखों में है दुःख का दरीया,
कुछ उड़ना चाहते हैं आसमां में बनके पंछिया,
तो किसी की अपने आप में है कुछ मजबूरीया,
किसी को बेहद पसंद हैं अपनी खामोशी
और उससे जुड़ी वो खामोशीया,
तो कोई तन्हा नहीं लेकिन फिर भी
उससे जूड़ चुकी है वो तन्हाइयां,
सबका है अपना-अपना एक नजरिया,
लेकिन फिर भी कुछ अलग ही है हमारी यारियां...
