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REBELNATO

Abstract

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आपको अम्मी कहे या मां

आपको अम्मी कहे या मां

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संकट और चुनौतियों से भरे इस समय में

घर से हम हैं कोसों दूर फंसे हर दिन बस अब

उनसे मिलने की राह हम हैं देख रहे


एक वो दिन थे और एक आज है

उनसे मिलने को हम तरस रहे

हर दिन अब बस उस पल के

इन्तजार में आंसू हमारे बरस रहे


न जाने क्या क्या हम है अब बस है जी रहे

अपनी आंखों में बस एक दिन घर लोटने की उम्मीद लिए

पागल थे हम बचपन में बड़े होने के सपने

देखा करते थे अब जो हम बड़े हुए हैं


उन सुनहरे दिनों की यादों में जिया करते हैं

आज तक हम ये समझ ना पाए आपको

अम्मी कहे या मां दोनों का मतलब तो

एक ही है नाआप गीता परहो या क़ुरान


अब बस घर लौट जाऊं बस आपके हाथों से खाना है

सारी चिंता भूलकर के बचपन की तरह आपकी गोद में

सर रख के चैन की नींद सो जाना है।


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