सागर की लहरों जैसे हमारी कामयाबी की तरंगे वैसे ! सागर की लहरों जैसे हमारी कामयाबी की तरंगे वैसे !
अम्मी का मन पहचान लेता, उसके बच्चों के लिए क्या गल्त क्या सही है। अम्मी का मन पहचान लेता, उसके बच्चों के लिए क्या गल्त क्या सही है।
यह कविता एक बेटे के अपने माँ के प्रति स्नेह दर्शाती है| बेटा, जो अपने माँ से दूर है, अपनी माँ को याद... यह कविता एक बेटे के अपने माँ के प्रति स्नेह दर्शाती है| बेटा, जो अपने माँ से दूर...
माँ तुम कहाँ हो माँ ? कहाँ हो तुम माँ ? माँ तुम कहाँ हो माँ ? कहाँ हो तुम माँ ?
तेरे बिना ना यह जहान तेरी सूरत देेखकर ही सुबह मेरी होती हैै तेरे बिना ना यह जहान तेरी सूरत देेखकर ही सुबह मेरी होती हैै
मां आज तुम बिन ये घर इतना सूना क्यों ? मां आज तुम बिन ये घर इतना सूना क्यों ?