मैं अक्सर हजारों की भीड़ से घिरा रहता था फिर भी अकेलेपन के एहसास में जीता था। मैं अक्सर हजारों की भीड़ से घिरा रहता था फिर भी अकेलेपन के एहसास में जीता था।
और" की हो जाए अब दीदार बस यही तमन्ना आखिरी है, सुना है जब से दूर गए हो और भी अच्छे हो गए हो। और" की हो जाए अब दीदार बस यही तमन्ना आखिरी है, सुना है जब से दूर गए हो और...
सूना कमरा, सूनी दिवारे सूना हो गया मेरा मन प्रेम का कोई दीपक जला दो सूना कमरा, सूनी दिवारे सूना हो गया मेरा मन प्रेम का कोई दीपक जला दो
हर चीज़ अपनी जगह तरतीब से सजेगी और रौनक फिर बढ़ेगी हर चीज़ अपनी जगह तरतीब से सजेगी और रौनक फिर बढ़ेगी
भीतर से रहती है खाली-खाली उसी आयलैंड की तरह जहाँ वह जाना चाहती है। भीतर से रहती है खाली-खाली उसी आयलैंड की तरह जहाँ वह जाना चाहती है।
शहर की रौनक भी अधुरी लगती है दिन दिवाली के जब नगरी सजती है शहर की रौनक भी अधुरी लगती है दिन दिवाली के जब नगरी सजती है