मेरे बाबा, जादू की छड़ी।
मेरे बाबा, जादू की छड़ी।
वो हमेशा मेरे आगे मेरी परछाई बनकर चलते हैं,
अपनी हर तनख्वाह में से खुशियों का
खजाना जो लाते हैं,
एक पल खुद भूखे सो जाते हैं,
लेकिन कभी किसी चीज की कमी महसूस नहीं
होने देते हैं,
मेरे दुख के पिटारे को खाली करके
जो खुशियों से भर देते हैं,
बुखार होने पर मेरे सिरहाने बैठकर जो
रात भर जगते हैं,
अपनी बेटी एक दिन पराई हो जाएगी,
इस बात से जो दिल ही दिल में रोते हैं,
मुर्शीद सच बताऊं तो यह सिर्फ मेरे बाबा नहीं,
खुदा की भेजी हुई एक जादू की छड़ी है,
जो मेरे हर ग़म को मुझ तक पहुँचने से
पहले ही खत्म कर देते हैं।