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Saraswati Aarya

Abstract

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Saraswati Aarya

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मेरे बिना

मेरे बिना

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आज इतना समझ आ गया

कि मेरे बिना तुम कहीं भी रह जाओगे

तुम्हारे बिना मेरे लिए

ये समुद्र भी जैसे जलता है

तुम्हारे बिना मेरे लिए 


जैसे ये दिन ही न निकलता है

पर ऐसा लगता है

 कि मेरे बिना तुम बिन बरसते बादल की

बरसात में भी नहाओगे

आज इतना समझ आ गया


कि मेरे बिना तुम कहीं भी रह जाओगे

तुम्हारे बिना मेरे लिए

ये सारा शहर अंजाना है

तुम्हारे बिना इस दुनिया में

मैंने किसी को कहाँ पहचाना है

पर ऐसा लगता है


मेरे बिना तुम सबसे रिश्ता निभाओगे

आज इतना समझ आ गया

कि तुम मेरे बिना कहीं भी रह जाओगे।


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