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Saraswati Aarya

Inspirational

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Saraswati Aarya

Inspirational

प्रकृति के तत्वों से गुजारिश (भाग -3)

प्रकृति के तत्वों से गुजारिश (भाग -3)

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सबको कठिन परिश्रम और मेहनत से मिलने वाली

सबको दो वक्त की रोटी तक पहुँचाने वाली

रुपये पैसे के नाम से जाने, जाने वाली

ए " पूंजी " 

मेरे साथ चल

तेरे बिना दुनिया में होता न किसी का गुजारा है

तेरे बिना सभी बेसहारा हैं

तू उसके घर चल जिसे तेरी सबसे ज्यादा जरूरत है

तू वहाँ चल जहाँ भूख प्यास से तड़पते लोगों की दुर्गत है

वहाँ चल तेरा जहाँ सम्मान हो

वहाँ न चल जहाँ तुझसे आ जाता अभिमान हो

वहाँ चल जहाँ पुत्र पिता का करे सम्मान

बुढ़ापे में रखे माता- पिता का ध्यान

पर वहाँ कभी न चल 

जहाँ तेरे लिए ले, ले पुत्र अपने ही पिता की जान

जिसके पास तू है उसके पास हर आराम है

उसके पास भवन विशाल है

वहाँ विलासिता की चीजें तमाम है

पर क्या उसके दिल में? 

किसी गरीब के लिए मान है

इसलिए पूँजी सोच, समझकर अपने कदम बढ़ा

दुनिया में लोगों का अभिमान मत बढ़ा


न जाने किस- किस रूप में सामने आ जाने वाले

नई- नई लीलाएं दिखाने वाले

सबके दुखों को दूर करने वाले

भगवान के नाम से जाने, जाने वाले

ए " सृष्टिरचियता "

मेरे साथ चलों

इस दुनिया में हर किसी को

आपकी आस है

हर एक का आप में विश्वास है

आप के होते हुए भी

ए सर्व शक्तिमान यहाँ लोग क्यों उदास हैं? निराश है

मुझे माफ करना भगवान

अगर मैंने कुछ गलत लिखा है

परंतु इस दुनिया के हर कोने में

मुझे गम दिखा है

किसी को धन संपत्ति का गम है

किसी को तरक्की का गम है

कोई संतान के लिए दुःखी है

कोई संतान से दुःखी है

भगवान हम सबको आपके 

इस धरती पर आने का इंतजार है

आपके आने से ही सबका होना बेड़ा पार है

फिर आप किस जिद पे सवार हैं

कलयुग तो आ ही गया

क्या आपको? 

घोर कलयुग का इंतजार है? 



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