समय संधान करो
समय संधान करो
नव वर्ष आया चहु ओर उल्लास छाया,
कुछ और नहीं यह स्वागत है समय का।
समय, इस जहाँ में है बेहद अनमोल
देकर बादशाहत भी नहीं चुकता इसका मोल
समय ही है जो राजा, रंक, फकीर बनाता है
काल की चाल हमें, जकड़े उससे पहले
समय रहते, समय का सम्मान करो
उठो, जागो, अपने लक्ष्य का संधान करो
सोचो क्या करना था क्या नहीं कर पाए
2020 में उन्हें पाने का पुन: विचार करो
समय मुट्ठी में रेत की तरह ना निकल जाए
हम फिर पछताते, बहाने बनाते ना रह जाए
समयबद्ध बन, पुरुषार्थ की धार तेज करो
वक्त का पहिया ना रुका है, ना रुकेगा
वक्त के साथ कदमताल का प्रयास करो
मात्र उत्सव तक न नववर्ष का गुणगान करो
तोड़ो आलस्य, प्रमाद, द्वेष अकर्मण्यता की बेड़ियां
हे योद्धा समय को झुका दो, इतिहास रचा दो
2020 को अपनी जिंदगी का नायाब वर्ष बना दो
वक्त तुम्हारा है, सोचो मत, आगे बढ़ो
समय का वरण करो, समय को नमन करो
सुस्वागतम, सुस्वागतम 2020 का सुस्वागतम