"रावण"
"रावण"
हमारे प्रयास से, रावण मर नहीं सकता।
पुतला जलायें हर वर्ष पर वह जल नहीं सकता
रावण मोह का प्रतीक हैं,
मानव मोह पर विजय कभी पा नहीं सकता।
अकेले पुरुषार्थ अथवा कृपा के सहारे,
हल निकल नहीं सकता।
कृपा और पुरूषार्थ एक हो,
ब्रह्म और जीव का संयोग हो,
तो ही रावण मर सकता।।
