प्यार का गीत
प्यार का गीत
क्यों बन रहे है हथियार
क्यों काट रहे है
पेड़ ...लत्ता...जंगल
और पवन भी।
अब जंगलों में
पंक्षियों के
समधुर गीत
सुनाई नहीं देता।फूलों की
खुशबु में
बारूद का गंध
घुल गया है।
नदी- नाला,
जोहड़ा - कुँओं के
पानी भी
पहले जैसा नहीं है।
इसलिए कह रहा हूँ
क्यों बना रहे हो
हथियार ?
बंद करो युद्ध की
नगाड़ा बजाना
और प्यार का गीत गाओ।
