चिड़ियाँ को मालूम है
चिड़ियाँ को मालूम है
चिड़ियाँ को मालूम है
अनेक हाथों से
लिखी जा रही है
प्रतिदिन ही, उस पर
बहुत सारी कविता
बहुत सारी कैनवास
रंगी जा रही है
उसकी तस्वीर बनने के लिए
बहुत सारी कैमरा
भूल गये है पलक झपकना
उसे देखकर
पर चिड़ियाँ इंतजार में है
उस हाथ की खोज में
जो सब कुछ छोड़कर
काम करें
उसे बचाने।