यादों की निशानी
यादों की निशानी
सुख दुःख की ना जाने कितनी फ़ाइलें रखीं हैं इस में,
कौन कहता है कि सीने में नहीं होती अलमारियाँ।
सुख दुःख तो जीवन का एक हिस्सा हैं,
क्या अमीर और क्या ग़रीब,
क्या अमीरों को नहीं होती बीमारियाँ ?
पैसा हर मर्ज़ की दवा नहीं है,
दौलतमंदो के जीवन में भी होती हैं परेशनियाँ।
याद रखना,
दुःख की घड़ियाँ भी बीत जायेंगी,
और सुख आएगा,
हर वक़्त ज़िंदा रखना जज़्बातें खुमारियाँ।
असली इम्तिहान मुसीबतों के वक़्त होता है,
मज़बूत रहना,
क़ायम रखना क़रीबियाँ,
नज़दीकियाँ।
ऐसी भूल ना कर लेना कि फिर कभी क़रीब ना आ सको,
ना पाल लेना दिलों में इतनी दूरियाँ।
ये अलमारी की फ़ाइलें,
ये हर दर्द छुपा के रखतीं हैं,
हर इंसान के जीवन मैं होती हैं मजबूरियाँ।
प्यार के धागों को नरम हाथों से बुनना,
ये धागे बहुत आसानी से टूट सकते हैं,
इन धागों में होतीं हैं कुछ ख़ास बारिकियाँ।
चार दिन की ज़िंदगी है,
चलो कुछ मस्ती भी कर लो,
हंस लो,
मुस्कुरा लो,
कर लो मनमानियाँ।
अगर महबूब से रूठ जायो तो जल्दी मान जाना,
याद करना पुराने ज़माने का वो मधुर गीत,
ओ दिलबर जानिया,
रूठने मनाने में ना बीतें ये जवानियाँ !