आँसू की बूँद पर घर की तस्वीर
आँसू की बूँद पर घर की तस्वीर
युद्ध के मैदान में
घमासान युद्ध के बाद
कुक्कुरमुत्ते की तरह तहस - तहस
लोगों की शव को देखकर
नदी में पानी के बदले
मनुष्यों की लाल खून बहते देखकर
सैनिक की आँखों से गिरता है आँसू
हरियाली घास पर ,अटकी आँसू पर
मुस्कान चेहरे के साथ
दिखता है पूणम की चाँद
गाँव की पगडंडी
घर की आँगन की नीम पेड़
अपना घर
माँ की थरथर काँपती चेहरा
बालू की घर बनाते बच्चे
घर की चौखठ में खड़ी
जान से प्यारी जीवनसाथी
सैनिक का चेहरा खिलता है
देखकर उसमे घर की तस्वीर
भयानक शोर होता है
सैनिक के हाथों में बंदूक आता है
बिखर जाती है घास पर अटकी
आँसू की बूँद भी
पूणम की चाँद के साथ
घर की तस्वीर
कही खो जाती है !