मेरा भी प्रश्न है
मेरा भी प्रश्न है


आशा न थी
कि मुझे भी पूछा जायेगा
मेरी राजनीति--
और पूछा जायेगा
तुम किस तरफ के हो
मार्क्सवादी हो या गाँधीवादी
कमल फूल पर वोट डालते हो या
घास फूल पर
तुम्हे तीर -धनुष पसंद है या
नगाड़ा बजाते हो
मैं तैयार न था
इस प्रश्न के उत्तर देने के लिए
असहज हो गया था
मुँह से बोल
नहीं निकल रहे थे
पर इसका अर्थ
यह नहीं है की
मैं इस देश का
नागरिक नहीं हूँ
देश से प्रेम नहीं है
मन में बुरे विचार है
फिर मेरा भी एक
प्रश्न है ---
क्या यह सब छोड़कर
एक श्रेष्ठ नागरिक
बनकर
प्राण भरकार देश को
प्यार नहीं कर सकते है ?