विशिष्ट आप हैं
विशिष्ट आप हैं
कभी किसी की देखा-देखी पर न जाएं
विशिष्ट आप हैं विशेष योजनाएं बनाएं।
प्रभु ने जितने मनुज बनाए, सब हैं बड़े विशेष,
हुनर कुछ में कुछ कमतर ,तो दूजा है अधिशेष।
लक्ष्य समय से कर लें पूरे ,रहे न कुछ भी शेष,
भू -मंडल पर सबका आगमन है उद्देश्य विशेष।
रेत सदृश सम समय सरकता ,न इसे रोक पाएं
विशिष्ट आप हैं विशेष ,योजनाएं बनाएं।
निकल गया जो समय हाथ से, न लौट के इसने आना है,
लक्ष्य प्राप्ति हो नियत समय से, ऐसी योजना बनाना है।
लोगों की बातें सुननी पर ,उचित निर्णय खुद ही लेना है,
मिली सफलता संग में जग ,असफल का साथ न देना है।
आलस-सुस्ती को तजकर, ध्यान से सफलता पाएं,
विशिष्ट आप हैं विशेष योजनाएं बनाएं।
