कई दिनों से जरा सा नसीब जागा है, दिखाई देता है अब चाँद खुद दलाने में। कई दिनों से जरा सा नसीब जागा है, दिखाई देता है अब चाँद खुद दलाने में।
कब तक संस्कृति के फूल गुलामी की लाचारी झेलेंगे, कब तक संस्कृति के फूल गुलामी की लाचारी झेलेंगे,
बहुत हुआ अब तो मत बोलो, दुनिया शायद बहरी है, समझाना तो बहुत सरल है, खुद को भी समझाओ तो बहुत हुआ अब तो मत बोलो, दुनिया शायद बहरी है, समझाना तो बहुत सरल है, खुद को भी...
जब भी हम चाहेंगे उस पल, फैसला आ जायेगा। जब भी हम चाहेंगे उस पल, फैसला आ जायेगा।
कोई मुझे याद करे या न करे मुझे कोई गम नहीं! मैं किसी को हरपल स्मरण करूं क्या कम नहीं! कोई मुझे याद करे या न करे मुझे कोई गम नहीं! मैं किसी को हरपल स्मरण करूं क्या...
हे ! परम पिता, परम गुरु ! परम कृपा मुझ पर कीजिए। असीमित दया मुझ पर करना, चरण रज अपनी हे ! परम पिता, परम गुरु ! परम कृपा मुझ पर कीजिए। असीमित दया मुझ पर करना, चरण...