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Brijlala Rohan

Others

4.5  

Brijlala Rohan

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दिल की आवाज

दिल की आवाज

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जमाना मेरे साथ भी गजब मजाक करता है!

दरवाजे बंद कर कर- कर के उम्मीदें ईजाद करता है!!

जरा सी भूल क्या हो गई मुँह मोड़ लिया उसने !

जिस हाशिये पे था खड़ा , वहीं अकेला छोड़ दिया उसने !!                     

मिले मुझे तेरे अलावे भी लाखों हसीं ! न किसी को मैंने फँसाना चाहा ,

न ही कोई मुझसे फँसी ! तेरे सिवा किसी की मुझे चाहत भी नहीं! 

कई दिन हो गये मिलना तुझसे । मगर मेरे दिल को लगता है आयें मिलकर

तुझसे अभी - अभी ।                                     

कोई मुझे याद करे या न करे मुझे कोई गम नहीं! 

मैं किसी को हरपल स्मरण करूं क्या कम नहीं!!              

तु मेरी आवाज भी ,अल्फ़ाज भी ।

प्यास भी तुम ,पानी भी तुम।

मैं जिस उम्मीद पे जी रहा ,मेरे जीवन का अंदाज भी तुम ।



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