तलवार की धार पर कदम रखकर जीते हैं लोग ज़िन्दगी बोझ लगने लगी ऐसे रवायतों से तलवार की धार पर कदम रखकर जीते हैं लोग ज़िन्दगी बोझ लगने लगी ऐसे रवायतों से
कुछ दिल के हिस्से है, कुछ किस्से है जो भीगे भीगे से रहते है... कुछ दिल के हिस्से है, कुछ किस्से है जो भीगे भीगे से रहते है...
ये इम्तिहान-ए-वक्त है, ये इम्तिहान-ए-वक्त है,
तुम मेरे साथ रहो न रहो मगर मुझे प्यार से देखते रहो तुम मेरे साथ रहो न रहो मगर मुझे प्यार से देखते रहो
लगा की जाने से पहले कुछ सपने सपने रह गए लगा की जाने से पहले कुछ सपने सपने रह गए
"लफ्ज़ " दिल के अल्फ़ाज मैं..... "लफ्ज़ " दिल के अल्फ़ाज मैं.....