शब्द और मौन, दोनोंं ही जीवन में ज़रूरी हैं और दोनो ही जीवन का अभिन्न अंग हैं शब्द और मौन, दोनोंं ही जीवन में ज़रूरी हैं और दोनो ही जीवन का अभिन्न अंग हैं
अक्सर ऐसे समय में मौन लेने लगता है आकार बढ़ने लगती हैं दूरियां पैदा हो जाती है दरार अक्सर ऐसे समय में मौन लेने लगता है आकार बढ़ने लगती हैं दूरियां पैदा हो...
सब शांत, सब मौन और एकांत खोजता जीवन। सब शांत, सब मौन और एकांत खोजता जीवन।
क़र्ज़ क्या लाया मैं खुशियाँ ज़िन्दगी से एक दिन रोज़ करती है तक़ाज़ा और झुँझलाता हूँ मैं, हौसला तो देखिये ... क़र्ज़ क्या लाया मैं खुशियाँ ज़िन्दगी से एक दिन रोज़ करती है तक़ाज़ा और झुँझलाता हूँ म...
मुझे आज भी अच्छे से याद है अपनी माँ को वो ख़ामोशी से मुस्कुरा देना मुझे आज भी अच्छे से याद है अपनी माँ को वो ख़ामोशी से मुस्कुरा देना
हो गई है दिल्लगी दिलबर उसे तुम मान लो। हो गई है दिल्लगी दिलबर उसे तुम मान लो।