हो गई है दिल्लगी दिलबर उसे तुम मान लो। हो गई है दिल्लगी दिलबर उसे तुम मान लो।
दुखों की हो नहीं छाया दिखे आलोक धरती पर, प्रबल हो तमस का आकार तो स्त्री दीप बन जाती। दुखों की हो नहीं छाया दिखे आलोक धरती पर, प्रबल हो तमस का आकार तो स्त्री दीप बन ...
जो मेरा नही, ओ मेरा है मेरा सांझ है सवेरा है रिश्तों की डोर से भी गहरा, बंधने वाला फेरा है। जो मेरा नही, ओ मेरा है मेरा सांझ है सवेरा है रिश्तों की डोर से भी गहरा, ...
आज मैंने मन की ऊँगली पकड़ कर और मन ने मेरी ऊँगली पकड़ उधर गए जहाँ डर की बंदिशें थीं ... आज मैंने मन की ऊँगली पकड़ कर और मन ने मेरी ऊँगली पकड़ उधर गए जहाँ डर की...
ओ मेरे मन मीत। ओ मेरे मन मीत।
उठ बैठ सोचा कुछ अपने देख रहा था रे मैं सपने। उठ बैठ सोचा कुछ अपने देख रहा था रे मैं सपने।