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नीलम पारीक

Romance

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नीलम पारीक

Romance

नेह समन्दर

नेह समन्दर

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ओ मेरे मन मीत

नेह समन्दर हो तुम तो

अंजुरी भर जल

मिल जाए जो मुझ प्यासे को।


क्या जाओगे रीत

ओ मेरे मन मीत

दो पल जो तुम

संग में मेरे 

दिल की धड़कन सांसों के सुर।


ढाल के जीवन की सरगम में

गाओ कोई गीत

ओ मेरे मन मीत

ऐसा लगता सदियाँ बीती

सूखे सावन सूखे भादो।


नेह मेह को यह मन तरसे

मेघ नहीं बस नैना बरसे

क्या यूँ ही बिन बरसे ही

यह ऋतु जाएगी बीत।


ओ मेरे मन मीत

ओ मेरे मन मीत।


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