अनचाहे सवाल
अनचाहे सवाल
1 min
175
एक तुला बाँध रखी है हमनें,
खुद को छोड़
हर शख्स तौला जाता है
उस कसौटी पर।
प्रश्नों की
लम्बी फेहरिस्त भी होती है पास
दाग देतें हैं प्रश्न जिसमें से
गोलियों की तरह
और छलनी हो जाती है
हमारे अपनों ही की आत्मा।
नहीं चाहते हैं वो
कुछ सवालों के जवाब देना
और पूछे जाना ऐसे सवाल।
अक्सर ऐसे समय में
मौन लेने लगता है आकार
बढ़ने लगती हैं दूरियां
पैदा हो जाती है दरार
और छटपटाती रह जाती हैं
कुछ आत्माएँ।।
