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Sachin Kapoor

Tragedy

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Sachin Kapoor

Tragedy

फिजाओं में जहर

फिजाओं में जहर

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लेन-देन के व्यवहार में रिश्तों को तोलने लगे हैं 

रिश्तेदार मेरे अब व्यापार की भाषा बोलने लगे हैं। 


दिखाए थे कभी जख़्म अपने जिगरी दोस्तों को

परत दर परत वो सब पर राज मेरे खोलने लगे हैं।


कितनी प्यारी थी हवा मेरे शहर की दोस्तों 

कुछ लोग फिजाओं में जहर घोलने लगे हैं। 


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