राहुल द्विवेदी 'स्मित'
Action Inspirational
दुश्मनों की बस्तियों में जलजला आ जायेगा।
जब वतन की आबरू का मस'अला आ जायेगा।
तू हमारी छोड़, खुद की पैरवी मजबूत कर..
जब भी हम चाहेंगे उस पल, फैसला आ जायेगा।।
बदल गये हैं ख...
अगर चाहते हो ...
गीतिका छंद छं...
नेत्र यदि आपक...
आस लगाए बैठी ...
आदमी की अक्ल ...
एक मौसम शायरा...
एक ऐसा भी जमा...
दौर सतयुग का ...
साँसों का बुन...
इसका सोंधापन होंठों पर हंसी ला देता है मिट्टी जब हो मेरे देश की। इसका सोंधापन होंठों पर हंसी ला देता है मिट्टी जब हो मेरे देश की।
सामने आए गर वो जाहिल हम तो जीने की दुआ करते हैं ! सामने आए गर वो जाहिल हम तो जीने की दुआ करते हैं !
मिटाने हर कष्ट को हम, सदा तैयार रहते है मिटाने हर कष्ट को हम, सदा तैयार रहते है
मैं संजीव हूं मंजिल से पहले दौड़ना चाहता हूं। मैं संजीव हूं मंजिल से पहले दौड़ना चाहता हूं।
मैं तेरी हमसफ़र बनाना चाहती थी तूने तवायफ़ बनाना चाहा था ! मैं तेरी हमसफ़र बनाना चाहती थी तूने तवायफ़ बनाना चाहा था !
दोनों जगह, बस काम ही काम जिंदगी मानो, हो गया काम तमाम दोनों जगह, बस काम ही काम जिंदगी मानो, हो गया काम तमाम
प्रदूषित हवा आतंक पर विश्व मंच, प्रदूषकों के अंत का करें शंखनाद। प्रदूषित हवा आतंक पर विश्व मंच, प्रदूषकों के अंत का करें शंखनाद।
कुछ तो सुनों उनकी सिमटी हुई सौगात तुमको सवांर दूँ य़ा किसी माहताब को। कुछ तो सुनों उनकी सिमटी हुई सौगात तुमको सवांर दूँ य़ा किसी माहताब को।
मिटा कर दिलो की उदासी, हम मुस्कान भरते हैं, बुझे दिलो में फिर से, नया प्राण भरते है। मिटा कर दिलो की उदासी, हम मुस्कान भरते हैं, बुझे दिलो में फिर से, नया प...
स्थिति को अनुकूल बनाकर प्रकृति की इच्छा तक बढ़ना है। स्थिति को अनुकूल बनाकर प्रकृति की इच्छा तक बढ़ना है।
पर आँच न आने देंगे, हम तेरे सम्मान में। पर आँच न आने देंगे, हम तेरे सम्मान में।
कर बहन से वायदा, जल्द ही घर आऊँगा नए सदन का निर्माण कर, तेरे हाथ पीले करूंगा कर बहन से वायदा, जल्द ही घर आऊँगा नए सदन का निर्माण कर, तेरे हाथ पीले करूंगा
मैं रोमांचित हो जाता हूं, आता हूँ पास तुम्हारे, बस तुझ में खो जाता हूँ मैं रोमांचित हो जाता हूं, आता हूँ पास तुम्हारे, बस तुझ में खो जाता हूँ
क्यों सुशांत क्यों ? क्यों ? ऐसे भी कोई करता है क्या ? क्यों सुशांत क्यों ? क्यों ? ऐसे भी कोई करता है क्या ?
हम और आप कितनी लड़ाई लड़ते हैं। हमें मुद्दों में, कितना बहलाया जाता है। हम और आप कितनी लड़ाई लड़ते हैं। हमें मुद्दों में, कितना बहलाया जाता है।
प्यारी सी इन यादों को, बस संजोना चाहता हूँ प्यारी सी इन यादों को, बस संजोना चाहता हूँ
पर माँ भारती के लाल तुम, कर्त्वय पथ पर जाना तुम, विजयी होकर तुम, तिरंगे के गीत गाना पर माँ भारती के लाल तुम, कर्त्वय पथ पर जाना तुम, विजयी होकर तुम, तिरंगे...
हमारे हक़ को मारोगे और हमें अदृश्य विकास की कहानी सुनाओगे और हम मान जाएंगे हमारे हक़ को मारोगे और हमें अदृश्य विकास की कहानी सुनाओगे और हम मान जाएंगे
चलो प्रेम से कह कण सींचे, बस प्रेम ही उपजा ले आज, चलो प्रेम से कह कण सींचे, बस प्रेम ही उपजा ले आज,
कभी तो होगा निर्दयी महाराजा परास्त, काल करेगा उसके कुकर्मों का अंत अस्त कभी तो होगा निर्दयी महाराजा परास्त, काल करेगा उसके कुकर्मों का अंत अस्त