कलाम नाम नहीं मानवीय मूल्यों की क्रांति
कलाम नाम नहीं मानवीय मूल्यों की क्रांति




कलाम नाम नहीं मानवीय मूल्यों की
क्रांति ----
आश्चर्य आविष्कार की अवनी धर्म कर्म मानवता की जननी
कितने ही युग पुरुषों धारिणी।।
काल समय नित्य निरंतर चलता जाता दामन स्वर्णाक्षर प्रेरक
इतिहास वर्तमान बतलाता राम रावण युद्ध
पूर्व शिव शंकर अपना धाम तारिणी।।
भारत का इतिहास पुरुष कलाम माँ कोख आँचल चरणों का
स्वर्ग संसार रामेश्वरम शिव शंकर संग भाए कलाम।।
बचपन संघर्षों का नाम वर्तमान युवा चाहे जितने भी आये उद्देश पथ
अवरोध दृढ़ इच्छा शक्ति से कलाम दिया तोड़।।
मंज़िल से पहने आराम नहीं विश्राम नहीं जीवन के
कुरुक्षेत्र में ज्ञान ही शत्र शात्र युवा शक्ति मर्म मार्ग।।
भारत की संस्कृति संस्कार कलाम अभिमान समय काल
अभिमानित अभिभूत पाकर साथ कलाम।।
राष्ट्र भक्ति मानव मूल्यों का सार काल समय पुरुषार्थ कलाम
युवा चेतना जागरण की मिसाल मशाल कलाम।।
पढ़ना और पढ़ाना ज्ञान योगम र्मज्ञ महान भारत की अभेद्य सुरक्षा
साहस संधान प्रक्षेपास्त्र पुरूषार्थ ।।
जीवन की मौलिकता सिद्धान्त दुःख सुख संघर्षो में समान चमत्कार
भाग्य भगवान नैतिकता आचरण व्यवहारिक जन्म जीवन का सत्यार्थ कलाम।।
सोच, चिंतन ,कर्म ,कार्य परिणाम उत्साह, उमंग ,उल्लास अन्तर्मन
आत्म बोध कलाम अहंकार अभिमान नहीं शौम्य विनम क्षमा करुणा
संयम संकल्प गुण ज्ञान भंडार कलाम।।